
रायगढ़। एनटीपीसी और जेएसडब्ल्यू के पीछे हटने के बाद बनई और भालुमुड़ा कोल ब्लॉक्स के आवंटन पर संशय था, लेकिन नीलामी में जेपीएल ने दोनों ब्लॉक्स अपने नाम कर लिया। चुनौतीपूर्ण खनन होने के बावजूद जेपीएल ने यह उपलब्धि हासिल की और अब कंपनी के पास कुल नौ कोल ब्लॉक्स हैं।
जिंदल समूह के पास अब गारे पेलमा 4/1, गापे 2/2, गापे 4/3, गापे 4/5, गापे 4/6, गारे पेलमा सेक्टर-1, बनई और भालुमुड़ा सहित कुल नौ ब्लॉक्स हैं। तमनार क्षेत्र में यह एक बड़ा खनन क्लस्टर बन गया है, जो आने वाले दिनों में कमर्शियल माइनिंग में अहम भूमिका निभाएगा। नौ ब्लॉक्स से अनुमानित उत्पादन 50-100 मिलियन टन के बीच होगा।
हालांकि, तमनार क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बेहद कमजोर है। पावर प्लांट और कोयला परिवहन के कारण इलाके की सड़कें और पर्यावरण प्रभावित हुए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सुविधाओं की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। जिले में सबसे अधिक राजस्व तमनार ब्लॉक्स से आता है, लेकिन विकास की दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं दिख रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोल ब्लॉक्स की संख्या बढ़ने से तमनार पर और दबाव पड़ेगा और क्षेत्र में समग्र विकास के लिए अब तत्काल कदम उठाना जरूरी है।